भाद्रपद मास शुक्लपक्ष की चतुर्दशी पर एक सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाया जाएगा। इस मौके पर सनातनी समाज के लोग व्रत धारण कर भगवान श्री हरि के अनंतस्वरूप की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। वहीं श्री दिगंबर जैन समाज के लोग अनंत चतुर्दशी पर दसलक्षण महापर्व पर कई अनुष्ठान करेंगे। श्री अनंत भगवान की पूजा के बाद श्रद्धालु बांह में अनंतसूत्र धारण करेंगे। धर्मशास्त्र के मुताबिक व्रत के साथ अनंत धारण करने पर सभी कष्ट का निवारण होता है।
सोमवार को सुबह 5.59 बजे से श्रेष्ठ पूजा मुहूर्त :
सोमवार को सुबह 5.59 बजे से श्रेष्ठ पूजा मुहूर्त आरंभ होगा, जो दिन के 9.38 बजे तक रहेगा। शास्त्र सम्मत इसी दौरान भगवान श्री विष्णु की पूजा पुण्यदायी है। भादो शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी रविवार को दिन के 8.48 बजे से आरंभ होगा, जो एक सितंबर को दिन के 9.38 बजे तक रहेगा। इसी कारण अनंत चतुर्दशी सोमवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव पांडेय के मुताबिक विशेष मुहूर्त में पूजा का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कथा श्रवण के बाद अनंत सूत्र धारण कर परिवार के सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना करनी चाहिए।
श्री दिगंबर जैन मंदिर में होंगे कई अनुष्ठान:
अपर बाजार स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में एक सितंबर को सुबह साढ़े छह बजे अनंत चतुर्दशी पूजा, कलश और शांतिधारा अनुष्ठान होंगे। दिन के आठ बजे से भगवान वासु पूज्य का निर्वाण महोत्सव होगा। इस मौके पर रातू रोड स्थित वासु पूज्य जिनालय में भगवान वासु पूज्य को निर्वाण लाडू चढ़ाया जाएगा। शाम में संध्या आरती होगी। श्री दिगंबर जैन पंचायत के मंत्री कमल विनायका ने बताया कि अनुष्ठान में पाटनी परिवार के पांच सदस्य शामिल होंगे। इसका फेसबुक के जरिए ऑनलाइन प्रसारण होगा। लॉकडाउन की वजह से इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी।
ज्योतिषाचार्य आचार्य पीके युग ने बताया कि अनंत चतुदर्शी पर भगवान श्री विष्णु के साथ शेषनाग की भी पूजा होती है। व्रत धारण करने से ग्रहों की अनुकूलता के साथ कालसर्प योग वाले जातकों को राहत मिलती है।
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